Rajani katare

Add To collaction

हास्य कहानी भाग --2




लेखनी वार्षिक प्रतियोगिता
कहानी/लेख
विषय- एक हास्य कहानी
शीर्षक- काॅमिक का मतलब

         "काॅमिक' का मतलब" 

 भाषा- बुंदेली भाषा

अरे जा शीला सबेरे -सबेरे!!!लाकडाउन में कैसी 
धड़धड़ाती चली आ रही -खैर इततो ही भोत है... मुँ तो गमछा से लपेटी है -
अंदर आतयी... काये जिज्जी अबे कौनउ रचना नहीं 
लिख्खी का ...?
अरे भौजी का बतइयै... आज कछु में मनई नहीं लग रओ
आये, जैसे -तैसे तो रात खें हम सबरो काम निपटाके आये 
हते फिर लिखवे बैठेई थे, तन्नकई तो लिख पाये हते, सो 
दन्न से लेखनी जी ने विषय दे दओ....
भौजी हम तो विषय पढ़ कर हैरान!! रे गये ....
जो कौन सो विषय दे दओ आज...... 
हमें तो कछु समज में ही न आई... 
ऐंसो कौन विषय दे दओ जिज्जी...? 
अरे का बतईये जो " काॅमिक " को मतलब का होत है -
जयी सोचत रये... बा रचना जोन लिखवे बैठे हते, सो 
वो सोयी नहीं लिख पाये आयें .....
बा रचना तो लिखयी लेतीं... काये नहीं लिख्खी.... 
अब बयी तो बात है...काॅमिक तो हमरे भैजा में घूम रओ 
है.... मतलब तो समझयी ने आ रओ ,लिखहें का.... 
अहिं मोड़ा उठ जेहे तबहीं ओसे पूछहें..... 
ओ फिर ऐसो है अब जब हमाओ काम निपट जेहे, 
फुरसतयी में तो लिखई  पा हैं ....
हम जा रये जिज्जी... हमें सोई टेम नईयां....सबरो काम... 
जिज्जी रचना डालई दयिओ...... 

        हास्य रचना -रजनी कटारे 
              जबलपुर ( म.प्र.)

   5
2 Comments

Swati chourasia

08-Mar-2022 08:06 PM

Very beautiful 👌

Reply

Seema Priyadarshini sahay

08-Mar-2022 05:07 PM

👌👌बहुत खूब लिखा मैम

Reply